Saturday, April 23, 2016

असभ्य

मैं अपने कश्मीरी मेहमान प्रोफ़ेसर हबीब के साथ झारखंड की सैर को निकला था.

हमारा रुख़ एक झरना की तरफ़ था जो अपनी ख़ूबसूरती के लिए मशहूर है. हमारी गाड़ी बमुश्किल 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चल रही थी.

रास्ते में एक तालाब मिला. उसमें कुछ आदिवासी महिलाएं स्नान और युवतियां अठखेलियाँ कर रही थीं.

अक्सर किसी सोच में गुम रहने वाले प्रोफ़ेसर ने हाथ के इशारे से गाड़ी की रफ़्तार कम करने को कहा.

"अगर हम तालाब की तरफ़ जाएं तो इन्हें कोई एतेराज़ तो नहीं होगा?" प्रोफ़ेसर ने नर्म लहजे में पुछा.

"नहीं, बिलकुल नहीं. ये लोग काफ़ी आज़ाद..." मेरी बात ख़तम होने से पहले ही प्रोफ़ेसर तालाब की तरफ़ बढ़ने लगा. मैं भी उसके पीछे-पीछे चलने लगा.

हम दोनों तालाब के किनारे खड़े थे. महिलाओं ने उचटती हुई निगाहों से हमारी तरफ़ देखा और स्नान में मसरूफ़ हो गईं.

वहां कुछ देर खड़े रहने के बाद हम वापस अपनी गाड़ी की तरफ़ आने लगे.

"ये महिलाएं कौन हैं?" रास्ते में प्रोफ़ेसर ने पुछा.

"जी, ये असभ्य आदिवासी महिलाएं हैं..." मेरा इरादा आदिवासी महिलाओं पर लम्बी तक़रीर का था, लेकिन प्रोफ़ेसर मेरी बातों से बेताल्लुक़ नज़र आने लगा, तो मैं चुप हो गया.

"कमाल है, इनका आत्मविश्वास किसी भी सभ्य समाज की महिलाओं से ज़्यादा है और तुम इन्हें असभ्य कह रहे हो?" प्रोफ़ेसर ने अचानक सवाल दाग़ दिया और मैं ख़ुद को कुछ भी न कह पाने की पोजीशन में पा कर ख़ामोश रहा.

झरने तक का बाक़ी रास्ता ख़ामोशी के साथ कटा.

गाड़ी सड़क किनारे पार्क करने के बाद हम जंगल में तक़रीबन 2 किलोमीटर सफ़र कर के झरने तक पहुंच गए. यहाँ एक दुनिया आबाद थी. सभ्य लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप्स अपने-अपने तरीक़े से एन्जॉय कर रहे थे. मेरी नज़र कुछ विदेशी महिलाओं के एक ग्रुप पर जा टिकीं. महिलाएं झरने में स्नान का लुत्फ़ ले रही थीं.

अचानक प्रोफ़ेसर का ख़याल आया. मैं ने उसकी तरफ़ देखा तो उसे भी उधर ही आकर्षित पाया.

"एक बात बताओ, इनमें और उन आदिवासी महिलाओं में क्या फ़र्क़ है?"

प्रोफ़ेसर ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए पुछा,

"जिस आत्मविश्वास के साथ ये गोरी महिलाएं नाममात्र कपड़ों में स्नान कर रही हैं उसी आत्मविश्वास के साथ वो आदिवासी महिलाएं भी कर रही थीं, नाममात्र कपड़ों में. तो फिर ये सभ्य और वो असभ्य कैसे?"

मैं बुत बना प्रोफ़ेसर की तरफ़ देखे जा रहा था. जहाँ कुछ महिलाएं इतने कम कपड़ों में नहा रही हैं, वहां इसे फ़लसफ़ा सूझ रहा है...

अभी मैं कुछ कहने ही वाला था कि प्रोफ़ेसर वापस जाने के लिए मुड़ गया. मैं न चाहते हुए भी उसके पीछे चल पड़ा.

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